न्यूज4बिहार/छपरा : रविवार को जेपीयू के राजनीति विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो विभु कुमार की अध्यक्षता में कोर्स वर्क के शोधार्थियों ने बहुत ही शानदार एवम भव्य तरीके से शिक्षक-शोधार्थी सम्मान समारोह आयोजित किया । जिसमें कुलपति प्रो फारूख अली और परीक्षा नियंत्रक डॉ अनिल कुमार उपस्थित रहे तथा अपने उदबोधन में अनुभव एवं विचार साझा कर शोधकर्ताओं के उत्साह एवं मनोबल को सातवें आसमान पर पहुँचा दिया।कार्यक्रम की शुरुआत विभाग के शिक्षकों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।पुनः छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया।प्रथम वक्ता के रूप में शोधकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए विभाग के वरीय प्राध्यापक डॉ रणजीत कुमार ने प्रतिभागियों के लग्न,मेहनत, अनुशासन प्रियता तथा शोध की बारीकियों के बारे में जानने,समझने एवं सीखने की ललक की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसे अपने अध्यापकीय जीवन का अविस्मरणीय पल बताया।डॉ संजय कुमार ने वर्तमान बैच को अब तक का सबसे उत्कृष्ट एवं जानदार बैच बताते हुए कहा कि इसमें सात सहायक प्राध्यापक तथा दर्जनों नेट व जे आर एफ उत्तीर्ण प्रतिभागियों के शामिल होने से विभिन्न विषयों पर सार्थक एवं गुणवत्तापूर्ण संवाद तथा विमर्श हुआ।डॉ विकास चौहान ने पी-एच डी उपाधि हासिल करने में आने वाली बाधाओं तथा उसके निवारण के बारे में अपने अनुभव को साझा किया।प्रतिभागियों ने अपने संबोधन में एक सुर से विभाग के शिक्षकों की सहजता, सरलता, उदारता,विषय विशेषज्ञता तथा अध्यापन शैली की जमकर तारीफ किया । वे इसे अपने शैक्षणिक जीवन का स्वर्णिम एवं अविस्मरणीय काल बताया।कुलपति ने अपने संबोधन में शोधकर्ताओं को आश्वस्त किया कि शोध कार्य के दौरान आने वाली तमाम कठिनाइयों का समय से निवारण किया जाएगा।उन्होंने बताया कि उनके पहल पर ही राज्य सरकार ने वैसे शोधकर्ताओं को जिन्हें कहीं से फेलोशिप नहीं मिल रहा है, वैसे शोधकर्ताओं को आठ हजार रुपए प्रति माह फेलोशिप देने की योजना ला रही है।कुलपति ने अपने करकमलों से कोर्स वर्क के दौरान सम्पन्न पांच सेमिनार एवं सिम्पोजियम का प्रमाण पत्र शोधार्थियों को प्रदान किया ।इससे सभी प्रतिभागी काफी खुश दिखे।शोधार्थियों ने शिक्षकों एवं कुलपति के साथ ग्रुप फोटोग्राफी का भी आनंद लिया।कार्यक्रम के अंत में प्रो विभु कुमार ने शानदार आयोजन हेतु विभाग के सहकर्मियों, प्रतिभागियों तथा ऊर्जावान कुलपति के प्रति आभार व्यक्त किया।पूरे कार्यक्रम का शोधार्थी मुकुल कुमार सिंह ने शानदार तरीके से संचालित किया।
