जमीन बंटवारे को लेकर दो भाइयों के बीच नोक झोंक एक दूसरे के विरोध थाने में कराया मामला दर्ज

News4Bihar/किशनगंज: रविवार को ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के आजमनगर गांव में जमीनी विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया है। दो भाइयों के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद में एक पक्ष की लगाई गई मक्के की फसल को दूसरे पक्ष ने ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया।

पीड़ित पक्ष के पास 1 एकड़ 44 डिसमिल और 5 कट्ठा जमीन है, जिस पर वे खरीद के समय से खेती करते आ रहे हैं। 6 फरवरी की शाम करीब 6:30 बजे फसल को ट्रैक्टर से रौंद दिया। लगभग 30 हजार रुपये की फसल को नुकसान पहुंचाया गया। विवाद का मूल कारण जमीन के बंटवारे की दिशा है। एक पक्ष उत्तर-दक्षिण दिशा में बंटवारा चाहता है, जबकि दूसरा पक्ष पूर्व-पश्चिम दिशा में बंटवारा कर रहा है। पीड़ित का कहना है कि पश्चिम की तरफ कोई रास्ता नहीं होने से उन्हें परेशानी होगी।

मामले में आरोप है कि आरोपियों ने पीड़ित से 25,000 रुपये छीन लिए और पांच लाख रुपये की रंगदारी की मांग की। जान से मारने की धमकी भी दी गई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मध्यस्थता में पंचायत का प्रयास विफल रहा। दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ित पक्ष ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

वही दूसरा पक्ष ने बताया कि जमीन में अपना हिस्सा 1 एकड 44 डी0 5 कड़ी जमीन पर खरीदगी के समय से ही दखल में रहकर जोत आबात करते चले आ रहे है। कि आज से 01 माह पूर्व मैं अपना हिस्सा में से आधा में मक्का का फसल लगाया था तथा आधी जमीन जोता हुआ खाली पड़ा है। उक्त लगा हुआ खेत मक्का फसल को नामित लोग जिसका नाम 1. मो0 मुख्तार आलम उम्र 45 वर्ष, 2. रफीक आलम, उम्र लगभग 40 वर्ष, 3. इमादुर रहमान उम्र लगभग 42 वर्ष, 4. मनीरुल हक उम्र लगभग 35 वर्ष, 5. जाकीर हुसैन सभी पिता सज्जाद अली, 6. नजमुस शहर उम्र लगभग 40 वर्ष पति-मो० मुख्तार आलम एवं अन्य चार-पाँच आदमी सभी सा0-आजमनगर वार्ड नं0-16 थाना ठाकुरगंज जिला किशनगंज ने कल दिनांक-06.02. 2025 समय लगभग 06:30 बजे संध्या सभी लोग एकजुट होकर लगा हुआ मक्का का फसल को ट्रेक्टर से जोत रहा था। मैं मक्का फसल को जोतने से मना किया। इतना सुनते ही नामित सभी लोग अपने-अपने हाथ में दवीया- हसुआ तथा लोहे का रड बॉस का लाठी लिए मुझे चारो तरफ से घेरकर सभी लोग एक सुर में भदी-भदी गाली गलौज करते हुए लप्पर थप्पर से मारपीट करने लगा तथा लगा हुआ मक्का के फसल को जोत कर बर्बाद कर दिया। बर्बाद किये गये मक्का का फसल का किमत लगभग 30 हजार रूपया होगा। मैं उनलोगों का ऐसा करने से मना किया तो मो० मुख्तार आलम अपने हाथ में दबीया लेकर मेरे गरदन में लगाकर बोला की बेसी हल्ला करोगे तो यही जान से मारकर इसी जमीन में गाड देंगे। मुझे जान से मारने की नियत से रफीक धक्का देकर मुझे जमीन पर गिरा दिया। मेरे पॉकेट में रखा हुआ 25000/- रुपया था जो मो० मुख्तार आलम ने छिन लिया तथा रूपया छिन कर मनीरूल हक बोला की जमीन में दखल रहना है तो रंगदारी में हमलोगों को पाँच लाख रूपया देना होगा तो जमीन में दखल रहने देंगे नही तो तुम्हारा हत्या कर देंगे। मैं किसी तरह नामित लोगो के चुंगल से भागकर घर आया। सारी घटना ग्रामीणों को बताया तो पंचायती कर हल करने को कहा। आज सुबह 09 बजे पंचों द्वारा नामित लोगों को बार-बार बुलाने पर नामित लोग पंचायती में नहीं आए। जिस कारण आवेदन देने में देरी हुआ। जिसकी सूचना श्रीमान को दे रहा हैं ताकि नामित लोगों पर उचित कानुनी कार्रवाई हो सके।

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