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जेपीयू के हिन्दी विभाग में आयोजित हुआ राहुल सांकृत्यायन पर एक स्मृति व्याख्यान 

जेपीयू के हिन्दी विभाग में आयोजित हुआ राहुल सांकृत्यायन पर एक स्मृति व्याख्यान

छपरा :जेपीयू के हिन्दी विभाग में गुरुवार को राहुल सांकृत्यायन पर एक स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें मंच संचालन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीता ने किया।

कुलपति प्रोफेसर फारूक अली ने कहा कि राहुल जी सत्य का पालन करते थे।धरती से पाया हुआ उनका अनुभवजन्य ज्ञान ही हमारी धरोहर है। कुलपति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के क्षेत्र का नाम ही राहुल सांकृत्यायन के नाम पर है।

मुख्य वक्ता के रूप में भागलपुर विश्वविद्यालय की डॉक्टर रेणु सिंह ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन की अंतिम कहानी 1500 ईसापूर्व की है।इनकी महत्वपूर्ण पुस्तक दर्शन दिग्दर्शन है।उन्होने जो परिश्रम किया, उनकी यात्राएं सामाजिक चिन्तन थीं।खान पान, आदि के बारे में भी उन्होने लिखा।वे कहते हैं कि इतिहास में विज्ञान की खोज करनी चाहिए। वैज्ञानिक भौतिकवाद उनकी पुस्तक है।

सनातन,साम्यवाद आदि की चर्चा उन्होंने किया।जेल में उन्होंने अपनी बहुत सारी पुस्तकें लिखा।जो समुद्र में उतरता है वह किनारे पहुंचने के लिए ही नहीं उतरता।अमेरिका छोड़कर प्रायः सभी देश में घूमने गये।राहुल किसान आन्दोलन में कूद पङे।अपने अंतिम दिनों में तिब्बत से 22 खच्चरो पर लादकर किताबों को लेकर आये।ये हमारी कमी है कि उनकी धरोहर को सुरक्षित नही कर सके।ऐसे पुरुष अमर होते हैं।

धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर डॉक्टर सैयद रजा ने किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर हरिश्चंद्र , प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह, डॉक्टर धनंजय आजाद, डाक्टर चंदन कुमार, डॉक्टर दिनेश कुमार, प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर, डॉक्टर सुधीर कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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