28 फरवरी को एक साथ होगें सारण के वेब पत्रकार
रिपोर्ट: संजय सिंह सेंगर
सारण जिला भर के वेब पत्रकारों एवं सोशल साइट पर एक्टिव सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक दिनांक 28 फरवरी शुक्रवार को रखी गई है जिसमें जिला भर से वेब पत्रकार, पोर्टल, फेसबुक, यूट्यूब चैनल एवं व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से न्यूज़ प्रसारित करने वाले समाजसेवियों का समागम होगा।कार्यक्रम के संयोजक सारण जिले के वरिष्ठ वेब-पत्रकारों ने बताया कि यह बैठक संगठन बनाने और सशक्त लड़ाई लड़ने के लिए हो रही है इसलिए अभी किसी का कोई नाम कोई पद बताना उचित नहीं है लेकिन यह पक्का है कि आने वाले दिन में सारण जिले में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अपना एक अलग पहचान बनाएगा और दिखावटी पत्रकारों की दुकान बंद होगी।

ज्ञातव्य हो कि विगत सप्ताह में जिले के कुछ पत्रकारों द्वारा जिला एसपी से मुलाकात करके कोई ज्ञापन दिया गया था एवं तुरंत ही एसपी साहब द्वारा फर्जी पत्रकार शब्द का इस्तेमाल करते हुए बयान भी जारी कर दिया गया था लेकिन हम और आप सभी लोग समझ सकते हैं कि जो फर्जी होगा वह पत्रकार नहीं होगा और जो पत्रकार होगा वह फर्जी नहीं होगा फिर भी इस बीच में फर्जी पत्रकार की भाषा बहुत दिनों तक चर्चा में रही…

आप सभी जानते हैं कि हमारे बचपन में किसी के मरने की खबर भी टेलीग्राम के माध्यम से 4 दिन में मिलती थी, धीरे धीरे तकनीक डेवेलप करता गया और टेलीग्राम के बाद टेलीफोन आया उसके बाद मोबाइल आया, मोबाइल आने के बाद नेटवर्क की कमजोरी थी, नेटवर्क जीपीआरएस से लेकर 2G, 3G, 4G, तक पहुंच चुका 5G, की तैयारी हो हो रही है *आज ही अंबानी ने ट्रंप से बोला कि हम बिना चाइना के सहयोग के 5जी चला सकते हैं… इसका अर्थ है कि 2- 4 महीने में हम लोग 5G चलाएंगे।
कोई बात नहीं,अंबानी जी 5G लेकर आए या ना आए उससे हमको फर्क नहीं पड़ता है अभी तक 4G में जो हम लोगों ने किया है यह काबिले तारीफ है और भारत देश की जनता यह समझ रही है की अखबार छापने के लिए कागज चाहिए कागज के लिए बृक्ष काटना पड़ता है और वृक्ष काटेंगे तो ऑक्सीजन नहीं मिलेगा…
अखबार खरीदने में पैसा लगता है, टीवी देखने में पैसा लगता है, फ्री है तो भी बिजली का पैसा लगता है, लेकिन सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिसमें आपको खबर पाने के लिए कोई पैसा नहीं लगता है, जनता मोबाइल अपना चलाती है रिचार्ज अपना करती है उसके बाद यह सारी इंफॉर्मेशन फ्री में हम लोग जनता को देते हैं इसका हमको कोई तनख्वाह कोई खर्चा नहीं मिलता।

यह बात अब जनता समझ चुकी है यही कारण है कि हमारे देश के, हमारे राज्य के, हमारे जिले के, हमारे प्रखंड के दिखावटी पत्रकारों को चिंता हो गई थी कि *सारे लोग मोबाइल पर न्यूज़ देख रहे हैं मोबाइल पर विज्ञापन दे रहे हैं, एक प्रखंड में पेपर बिकता है 500, फेसबुक में 500000, व्हाट्सएप पर 400000, उसके बाद यूट्यूब एक ऐसा चैनल है कि हर व्यक्ति चलाता है और सोशल मीडिया पर बिना कोई खर्च किए दुनिया भर की खबरें पा सकता है । इसी वजह से दिखावटी पत्रकारों को चिंता हो गई है।
बिना किसी पूर्व अध्ययन के एवं बिना किसी ठोस सबूत के सारण जिले के कुछ पत्रकार बंधुओं द्वारा सारण एसपी को दिया गया वह आवेदन स्वयं में ही मजाक का विषय बन गया क्योंकि उन्हें मालूम नहीं था अथवा मौके पर ध्यान नहीं आया की समाचार संबंधी मामलों के जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी किससे संपर्क करना होता है…खैर जो भी हुआ, यह सारण जिले जिले के पत्रकारिता के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने काम हुआ।
श्याम नरायण प्रसाद संपादक न्यूज4बिहार।