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बिहार में खुलेगा स्क्रैपिंग सेंटर।

बिहार में डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से चल रही गाड़ियों को हटाने के लिए सरकार प्रदेश के अलग अलग शहरों में स्क्रैपिंग सेंटर खोलने जा रही है।

प्रारंभिक चरण में सरकार ने 18 सेंटरों को खोलने के लिए लाइसेंस जारी किया है. इनमें चार सेंटर पटना में और अन्य 14 सेंटर प्रदेश के दूसरे शहरों में स्थापित किए जाएंगे।

बता दें कि लंबे अरसे से गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए मांग की जा रही थी. राजधानी के चार उद्योगपतियों को स्क्रैपिंग सेंटर खोलने का लाइसेंस मिलने के बाद उम्मीद जतायी जा रही है कि अगले छह से आठ महीने में सेंटर खोलने का काम धरातल पर उतर सकेगा।

कैसे होगी स्क्रैपिंग-

उद्यमियों के अनुसार 15 साल से पुरानी गाड़ियों की कीमत तय की जाएगी. जिसे स्क्रैप सेंटर द्वारा वाहन मालिक को दिया जाएगा. गाड़ी मालिक को एक स्क्रैप स्लिप भी दी जाएगी. जिसे परिवहन विभाग में देने के बाद स्क्रैप किए गए गाड़ियों का नंबर परिवहन डाटा से हटाया जा सकेगा।

मिलेगा रोजगार-

स्क्रेपिंग यूनिट की स्थापना के बाद एक यूनिट में दो सौ लोगों को रोजगार दिया जाएगा. स्क्रैप सेंटर स्थापना के लिए लगभग दो से तीन करोड़ रुपये की पूंजी लगानी होगी. फिलहाल, लाइसेंस प्राप्त कंपनियां सेंटर स्थापित करने के लिए जगह का चुनाव करने में लगी है।

क्या है परेशानी

उद्यमियों के अनुसार अभी तक स्क्रैप सेंटर को उद्योग का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका है इसके कारण बैंकों से कर्ज प्राप्त करने में परेशानी होगी।

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