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रामजयपाल महाविद्यालय में कुलदेवता की मनाई गई जयंती

छपरा : शनिवार को छपरा में राम जयपाल महाविद्यालय के संस्थापक व कुलदेवता राम जयपाल सिंह यादव की जयंती मनाई गई । इस अवसर पर जेपीयू के कुलपति प्रो(डॉ) फारूक अली, राजेंद्र महाविद्यालय के भूतपूर्व प्रोफेसर डॉक्टर चंद्रिका प्रसाद यादव, प्रोफेसर डॉक्टर इरफान अली,प्रोफेसर (डॉ) शकील अहमद अता, प्रोफेसर(डॉ) प्रेमचंद यादव, डॉक्टर नगेंद्र शर्मा, महाविद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी उपस्थित थे ।

कार्यक्रम की शुरुआत राम जयपाल सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया ।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ फारुख अली ने इस अवसर पर बोलते हुए क्रियाशील होने का गुरु मंत्र दिया । उन्होंने राम जयपाल सिंह यादव के विषय में बताया कि उन्होंने ‘यथा नाम तथा गुण’ कहावत को चरितार्थ किया । जिस प्रकार प्रभु श्री राम ने समाज के वंचितों का चुन-चुन कर उद्धार किया, ठीक वैसे ही राम जयपाल बाबू ने समाज के वंचित वर्गों का शिक्षा द्वारा उद्धार करने हेतु महाविद्यालय की स्थापना की । उन्होंने कहा कि ‘अंधेरे को कोसने के बजाय एक चिराग जलाना बेहतर है’ कहावत को रामजयपाल बाबू ने चरितार्थ किया । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डॉक्टर चंद्रिका प्रसाद यादव, भूगोल विभाग, राजेंद्र महाविद्यालय, ने रामजयपाल महाविद्यालय के निर्माण के समय के जुड़े हुए रोचक संस्मरण सुनाया । उन्होंने बताया कि यादव छात्रावास से प्रारंभ हुआ यह महाविद्यालय, उनके समय लगाया हुआ यह पौधा वटवृक्ष का के रूप में फल-फूल रहा है । यह देख कर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है । महाविद्यालय के निर्माण से जुड़े भूतपूर्व प्राचार्य स्वर्गीय हीरा बाबू व उनके साथियों को याद कर वे भाव विभोर हो गए ।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो (डॉक्टर) इरफान अली ने रामजयपाल बाबू को याद करते हुए बताया कि आज महाविद्यालय में चार पीढ़ियों का योगदान है । आज सकारात्मक सोच की आवश्यकता है । महाविद्यालय प्रतिभाशाली शिक्षकों का समूह है । इनकी प्रतिभा का सदुपयोग किया जाना चाहिए । राम जयपाल महाविद्यालय अध्ययन-अध्यापन का उत्कृष्ट केंद्र बने, यही स्वर्गीय राम जयपाल सिंह यादव जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
31 जनवरी को लगभग 40 वर्ष की सेवा के उपरांत सेवानिवृत हो रहे महाविद्यालय के वर्तमान अर्थपाल प्रोफेसर (डॉ) प्रेमचंद यादव ने युवा साथियों को इसके विकास में योगदान देने का आह्वान किया। हिंदी विभाग के डॉ नगेंद्र शर्मा ने काफी ओजस्वी शब्दों में रामजयपाल बाबू को याद करते हुए उन्हें प्रेरणा स्त्रोत बताया ।
मंच का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर(डॉ) शकील अहमद अता द्वारा किया गया । मंच संचालन के क्रम में उन्होंने शेरो शायरी के माध्यम से उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । रामजयपाल बाबू द्वारा महाविद्यालय के लिए किए गए संघर्ष से प्रेरित होकर उन्होंने महाविद्यालय के विकास के लिए ₹100000 का दान देने की घोषणा भी की ।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की पत्रिका ‘राही’ का विमोचन किया गया और इसके संपादकों डॉ नगेंद्र शर्मा,डॉक्टर अमित रंजन, डॉ खालिक, डॉ एमन रियाज,डॉ धर्मेंन्द्र, डॉ मनीष डॉक्टर तोषी के प्रति आभार प्रकट किया गया । धन्यवाद ज्ञापन डॉ तोशी ने किया ।

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