सारण: रक्तदान से डरने वाले लोगों के लिए खुशनुमा अंसारी पेश कर रही मिशाल

सारण: हमारे समाज में अब भी रक्तदान को लेकर यह धारणा बनी हुई है कि यह काम पुरुष ही कर सकते हैं। लेकिन, अब यह मिथक टूट रहा है। क्योंकि पुरुषों की ही भांति महिलाएं भी रक्तदान के लिए आगे आने लगी हैं। आलम यह है कि कुछ महिलाएं घर परिवार को बताएं बिना ही मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान कर रही हैं। मिलिए छपरा शहर की नई बाजार की खुशनुमा अंसारी से को पहली बार घरवालो से छुप कर कॉलेज में 18 साल की उम्र में रक्तदान किया था। आज भी जब किसी मरीज को ब्लड की जरूरत होती है, तो वह एक कॉल पर पहुंच जाती है। 20 साल की नेहा 5 बार कर चुकी हैं रक्तदानछपरा शहर की नई बाजार की में रहने वाली 20 वर्षीय खुश नुमा अंसारी अब तक 5 बार रक्तदान कर चुकी हैं। खुशनुमा लियो क्लब फेमिना से भी जुड़ी हैं। वह कहती हैं कि 18 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार ब्लड डोनेट किया था। तब वह BA (2nd year) कर रही थीं। उस दिन से आज तक वह 5 बार खून दान चुकी हैं। खुशनुमा कहती हैं कि रक्तदान से बढ़ कर कोई दूसरा सुख नहीं है।परिजनों को बताए बिना ब्लड बैंक में पहली बार दिया था खून20 वर्षीय खुशनुमा ने बताया कि उन्होंने 18 साल की उम्र में पहली बार ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट किया था। तब वह जगदम कॉलेज में पढ़ती थी। खुशनुमा कहती हैं कि तब परिजन ब्लड डोनेशन के पक्ष में नहीं थे। उनको लगता था कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आती है। जबकि, ऐसा नहीं है। अब तक 5 बार ब्लड डोनेट कर चुकी हूं। दोस्तों को भी इसके लिए प्रेरित करती हूं। अभी तक दोस्तो से लगभग 10 बार रक्तदान करवा चुकी हूं .यह एक ऐसा दान है, जो किसी का जीवन बचा सकता है।

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