News4Bihar/सारण: मशरक थाना क्षेत्र से गुजर रही एन एच 227 ए राम जानकी पथ और छपरा मशरक एस एच 90 व मशरक सिवान शीतलपुर एस एच 73 पर अक्सर देखा जा रहा है कि सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण लापरवाही ही हो रहीं है। बावजूद इसके लोग लापरवाही कर दुर्घटनाओं को खुला न्यौता देते हैं। मशरक के विभिन्न गांवों में भी लोग सड़क पर चलते समय लापरवाही बरत रहे हैं। यही कारण है कि लोगों की लापरवाही उनके जान पर बन आती है। इन दिनों हर दिन सड़क दुर्घटना होती रहती है। इन दुर्घटना में लोगों की मौत भी हो रही है। आंकड़ों पर अगर हम गौर करें तो मशरक में जिन दुर्घटना में बाइक चालकों की मौत हुई हैं। अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था। बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं लगाकर लोग यातयात के नियमों का उल्लंघन करते हैं। इसके बाद दुर्घटना होने पर लोगों के जान पर बन आती है। सड़क दुर्घटनाओं में मां-बेटे, पति-पत्नी और एक ही परिवार के सदस्यों की मौत हो रही हैं। थानाध्यक्ष अजय कुमार ने लोगों से अपील किया कि लोग यातायात नियमों के उल्लघंन की हालत में वाहन न चलाएं। ऐसे वाहन चलाने पर कार्रवाई हो रही है। तीन सवारी, बिना हेलमेट, बिना कागजात सभी पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। सड़क हादसे भी सबसे ज्यादा लापरवाही के कारण होते हैं। सड़कों पर तेज गति से वाहन चालने, बिना हेलमेट के सफर करने और सीट बेल्ट नहीं लगाने से हादसे होते हैं। मशरक के चौक चौराहे पर यातायात नियमों का पालन करने में वाहन चालक लापरवाही कर रहे हैं। सड़क से गुजरने वाली हर 10 में से नौ बाइक सवार बिना हेमलेट के होते हैं। अक्सर देखा जाता है कि बाइक पर तीन लोग सवार होकर सफर करते हैं। बच्चे भी बड़े वाहन दौड़ा रहे हैं। हादसे से कोई सबक लेने को तैयार नहीं। नियमों के प्रति लोगों की लापरवाही के कारण यातायात पुलिस भी चालान का कार्रवाई करती है। बावजूद इसके लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे। लोग जुर्माना तो भरने को तैयार हैं लेकिन यातायात के नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं। प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष व बहरौली मुखिया अजीत सिंह ने कहा कि नाबालिग का तेज रफ्तार में बाइक चलाना भी अक्सर सड़क दुर्घटना का कारण बन रहा है। प्रशासन को नाबालिग बाइक चालकों के साथ साथ अभिभावकों पर भी सख्ती बरतने की आवश्यकता है, सड़क सुरक्षा नियम की जानकारी नहीं होना भी दुर्घटना का कारण है। नारायणी सेवा संस्थान के जिला समन्वयक अखिलेंद्र सिंह ने कहा कि परिवहन विभाग को गांव स्तर के स्कूल-कॉलेज सहित सार्वजनिक जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाना चाहिए। बाइक पर मानक के अनुरूप सवारी करने के नियम को सख्ती से पालन कराने की आवश्यकता है। साथ ही हर हाल में वाहन पर दो लोगों को ही चलना चाहिए। सरपंच बिनोद प्रसाद ने कहा कि सड़क दुर्घटना से बचने के लिए अभिभावकों को भी अपने बच्चों के प्रति सक्रियता रखनी चाहिए। वाहन चालक अपने वाहन का उपयोग निर्धारित गति से करें।वाहन चलाते समय ओवरटेक से बचना चाहिए। अगर जीवन सुरक्षित रहा, तो जीवन भर वाहन चला सकेंगे। चरिहारा गांव निवासी रंजन कुमार सिंह ने बताया कि हेलमेट के साथ जूता पहनकर ही लोगों को वाहन चलाने की इजाजत हो। साथ ही नशा करके वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस को सख्ती के साथ कठोर कार्रवाई करने की जरूरत पर काम करना चाहिए। उच्च विद्यालय मशरक के शिक्षक संजय कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल-कॉलेज के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा से संबंधित विषय होनी चाहिए। हेलमेट प्रशासन से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए पहनने की सीख देना आवश्यक है। पुलिस भी मामले पर पूरी तरह से काम करें ना कि खानापूर्ति तक सीमित रहें। पूर्व उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन ने बताया कि वाहन का प्रयोग आवागमन के लिए जरूरत पड़ने पर ही करना चाहिए, ना कि मनोरंजन व स्टंट करने के लिए। आज कल नाबालिग सड़क पर वाहन लेकर गलत तरीके से चलाकर सामने वाले को ठोकर मार देते हैं. ऐसे हालत में लोगों की जान तक चली जाती है। बेन छपरा गांव निवासी रोड ठेकेदार दीपक कुमार सिंह ने बताया कि नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों पर प्रशासन को कड़ी करनी चाहिए। साथ ही लापरवाह लोगों के वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करना चाहिए। विद्यार्थियों का बाइक लेकर शैक्षणिक संस्थान जाने पर अभिभावकों को रोक लगाने की आवश्यकता है।
