ग्रामीण क्षेत्रों में शाम ढलते ही विद्युत आपूर्ति होती बाधित, एफआईआर दर्ज।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शाम ढलते ही विद्युत आपूर्ति होती बाधित।

न्यूज4बिहार/सोनपुर : सोनपुर प्रखंड के विभिन्न गाँव मे आए दिन शाम ढलते ही शुरू हो जाती है बिजली की आंख मिचौली जिसके कारण उपभोक्ताओं को यहां पीने की पानी की समस्याएं ,बच्चों के पठन-पाठन की समस्याएं के अलावा अनेक तरह के घरेलू कार्य करने के अलावा इस भीषण गर्मी में भी आए दिन शाम ढलते ही 5 से 6 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित होती है जिसके कारण विद्यार्थी का पढ़न पाठन व्यवस्था चौपट हो रही है । इस समस्याओं को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । सोनपुर पावर सब स्टेशन से आपूर्ति होने वाले ग्रामीण क्षेत्र में एक बार फिर बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है । खासकर जैतिया व खारिका फिटर में इन दिनों हर शाम ढ़लते ही लोड सेटिंग एवं ब्रेकडाउन के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में घंटों बिजली की आपूर्ति बाधित रहती है और बिधुत आती भी है तो मिनटों -मिनटों में बिधुत कट जाती फिर आती फिर कट जाती है जिसके कारण इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खराब हो जा रहे है । इस संबंध में जब सोनपुर जेई या फिटर में कार्यरत कर्मियों के फोन करने पर फोन नहीं उठाते और ना ही बिजली गुल होने से संबंधित जानकारी देते हैं और यहां तक कि फोन को भी स्विच ऑफ कर देते हैं । इस संबंध में आक्रोशित ग्रामीणों ने सारण के जिलाधिकारी एवं विधुत विभाग छपरा के अधिकारियों को भी फोन पर इस गंभीर समस्याओं को जानकारी देते हुए इस गम्भीर समस्याओं से निजात दिलाने की गुहार लगायी । कई उपभोक्ताओं ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारी सिर्फ बिजली बिल बसूली करने व बिजली खपत से ज्यादा बिल देने में सबसे आगे दिख रहे हैं लेकिन बिजली की आपूर्ति समयनुसार व्यवस्था करने में बिजली बिल से संबंधित समस्याओं का निदान करने में काफी पीछे है । अगर कोई भी उपभोक्ताओं को बिजली बिल में त्रुटि आ रही है या बिजली के तारों में समस्याएं हैं या नंगे तार लटक रहे हैं या अनेक बिधुत से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ वे विद्युत बकाया राशि वसूलने एवं विभिन्न गांव में अपने टीम के साथ घूम -घूम कर बिजली चोरी करने वाले के ऊपर छापामारी कर सोनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने में सबसे आगे है । इन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिख रहा है। जिसके कारण कभी न कभी ग्रामीणों का आक्रोश का विद्युत विभाग के कर्मियों एवं पदाधिकारियों पर पड़ सकता है ।

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