न्यूज4बिहार (News4Bihar)को कई संवेदनशील व्यक्तियों, न्यूज4बिहार के सदस्यों और स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से यह सुझाव और प्रस्ताव मिल रहे हैं कि कोरोना विपदा के समय वंचित लोगों के लिए कुछ किया जाना चाहिए। यह समझने की आवश्यकता है कि यह बाढ़ या भूकम्प जैसी आपदा नहीं है जहाँ ज़्यादा से ज़्यादा लोग सहायता में शामिल होकर राहत कार्य कर सकते हैं। इस विपदा में मामला बिल्कुल उल्टा है।इस समय जितने ज़्यादा लोग राहत में भी शामिल होंगे, उतनी समस्याएँ होंगी।जैसा विश्व स्वास्थ्य संगठन और इस देश के डॉक्टरों ने भी कहा है कि किसी भी परिस्थिति में भौतिक सम्पर्क से बचने की आवश्यकता है चाहे भोजन और दवाई पहुँचाने की ही ज़रूरत क्यों न हो। अगर हमारे और सामने वाले के शरीर में वायरस के लक्षण न भी हों तो भी हम दोनों उसके वाहक हो सकते हैं और संक्रमण को अगले स्तर तक पहुँचा सकते हैं। यही कारण है कि सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन लागू किया है और किसी भी प्रकार की स्वयंसेवी प्रयास को बढ़ावा नहीं दे रही। अभी राहत के लिए सर्वश्रेष्ठ एजेन्सी स्वयं सरकार और उसकी प्रशिक्षित संस्थाएँ ही हैं, चाहे वो जैसा भी काम कर रही हो। हाँ, हमारा दायित्व यह बनता है कि हम सरकार की कमियों पर उसका ध्यान आकृष्ट करें और हमें जो भी व्यक्तिगत या सामूहिक शिकायत मिले, उसे सरकार तक पहुँचाएँ। सभी ग़ैर-सरकारी और राजनीतिक संस्थाओं के लिए अभी ज़्यादा जरुरी यह भी है कि वैसे क्षेत्रों और वैसे समूहों को (जैसे शहरी गरीब को) चिह्नित करके रखें जहाँ लॉकडाउन के तुरंत बाद पहुँच कर सहायता पहुँचाई जा सके और लॉकडाउन के समय उत्पन्न हुई समस्याओं को यथासंभव दूर किया जा सके। सरकार से भी यही अपेक्षित है कि वह लॉकडाउन के बाद वंचित वर्गों की समस्याओं के लिए अभी से पॉलिसी का निर्माण करे और भविष्य में ऐसी परिस्थिति के लिए अभी से नीतियों और संस्थाओं का निर्माण हो। #StayHome #StaySafe