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दो से अधिक बच्चे होने पर बच्चों की बेहतर परवरिश होती है बाधित

•परिवार नियोजन के गर्भनिरोधक साधनों के प्रति समुदाय को किया जायेगा जागरूक

• हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मनाया जायेगा विश्व गर्भनिरोधक दिवस

• अनचाहे गर्भ से सुरक्षा के लिए गर्भ निरोधक साधनों को अपनाएं

छपरा: समुदाय में परिवार नियोजन के गर्भ निरोधक के साधनों के प्रति जागरूकता लाने के लिए 26 सितंबर को विश्व गर्भ निरोधक दिवस मनाया जायेगा। जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। साथ हीं परिवार नियोजन के गर्भ निरोधक साधनों का नि:शुल्क वितरण किया जायेगा। इसको लेकर परिवार कल्याण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. एके शाही ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि 26 सितंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भनिरोधक के उपयोग से होनेवाले लाभ को आमजन तक पहुंचाना और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य विषय पर जानकारी और जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर जिला स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत गर्भनिरोधक सेवा को बेहतर करने के लिए चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, गर्भनिरोधक साधनों के बारे में आमजन में जागरूकता फैलाने के लिए साईकिल रैली और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सभी हेल्थ वेलनेस सेंटर्स पर परिवार नियोजन कैम्प का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें गर्भनिरोधकों के बारे में जनमानस को बताया जाएगा। परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ चॉइस कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली आदि का निशुल्क वितरण किया जायेगा।

दो से अधिक बच्चे होने पर बच्चों की बेहतर परवरिश होती है बाधित:

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि सीमित परिवार बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के साथ खुशहाल परिवार की पहचान होती है। दो से अधिक बच्चे होने पर बच्चों की बेहतर परवरिश बाधित होती है। इसके लिए परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधनों को बढ़ावा देना जरुरी है। इसे ध्यान में रखते हुए लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी उपाय जैसे महिला एवं पुरुष नसबंदी, प्रसव उपरांत नसबंदी और अस्थायी उपाय जैसे कंडोम, कॉपर-टी, आईयूसीडी, अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन, गर्भ निरोधक गोली आदि के बारे में जानकारी दी जायेगी। साथ ही परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर सरकार द्वारा प्रदान की जा रही प्रोत्साहन धन-राशि के बारे में भी लोगों को बताया जायेगा।

इन परिवार नियोजन साधनों का उठायें लाभ:

पीपीआईयूसीडी :

बच्चों में अंतराल रखने तथा अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी(प्रसव उपरांत कॉपर टी संस्थापन) लगाया जाता है। गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे लंबे समय तक गर्भधारण की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें ऑपरेशन की भी आवश्यकता नहीं होती है। पीपीआईयूसीडी दो तरह की होती है। एक 5 साल के लिए तथा दूसरा 10 साल के लिए के लिए होता है। सभी सरकारी यह अस्पतालों में मुफ्त लगाई जाती है।

एमपीए (अंतरा):

अंतरा अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों में एक बहुत असरदार विधि है। एक इंजेक्शन से 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना नहीं होती है। दूध पिलाती मां भी ले सकती है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। ना ही शिशु पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यदि महिला ठीक 3 महीने बाद इंजेक्शन लगवाने नहीं आती तो निर्धारित तिथि से 14 दिन पहले 28 दिन बाद तक भी इंजेक्शन लगा सकती है। अंतरा महिलाओं के लिए एक सरल व सुरक्षित असरदार साधन है जिसे प्रत्येक 3 महीने के अंतराल पर महिला को एक इंजेक्शन लेना होता है। गर्भधारण रोकने में यह 99.7% प्रभावी होता है। तिमाही लगने वाली इंजेक्शन इसका पूरा नाम मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रोन एसीटेट है। अंतरा का प्रयोग बंद करने के कुछ माह बाद महिलाओं को पहले की तरह माहवारी होने लगती है और वह पुनः गर्भधारण कर सकती है।

लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि :

बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए नवीन गर्भ निरोधक- ‘अंतरा’ की शुरुआत की गयी है। ‘अंतरा’ एक गर्भ निरोधक इंजेक्शन है, जिसे एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। इस तरह साल में चार इंजेक्शन दिया जाता है। साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज या सूई लाभार्थी को 100 रूपये एवं उत्प्रेरक को भी 100 रूपये दिए जाने का प्रावधान है।

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