हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर स्वास्थ्य मेला आयोजित कर टीबी के मरीजों की होगी स्क्रीनिंग

टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले परिवार के सदस्यों की भी की जायेगी स्क्रीनिंग।

• 14 मार्च को आयोजित होगा स्वास्थ्य मेला
• कोविड से उबर चुके व्यक्तियों में होगी टीबी की जांच
छपरा,13 मार्च। जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसको लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। अब जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर आयोजित होने वाले स्वास्थ्य मेला में टीबी के मरीजों की स्क्रीनिंग की जायेगी। इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि जिले के सभी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर आयोजित मासिक हेल्थ मेला में टीबी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सुनिश्चित की जाये। इस दौरान पिछले पांच वर्षों से टीबी से पीड़ित रोगियों, वर्तमान में टीबी का उपचार ले रहे रोगियों के संपर्क में रहने वाले परिवार के सदस्यों की टीबी की स्क्रीनिंग की जायेगी। इसके साथ हीं सम्पुष्ट कोविड संक्रमण पीड़ित व्यक्तियों में टीबी की जांच की जायेगी। पत्र में कहा गया है कि डायलसिस अथवा इम्युनो सप्रेसेन्ट ट्रीटमेंट ले रहे व्यक्तियों, खांसी, दमा, एवं श्वसन तंत्र के अन्य पुराने रोगियों और कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग हेल्थ मेला के दौरान की जायेगी। राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से टीबी के मरीजों को उनके घर के निकट दवा की उपलब्धता, उपचार समर्थन एवं टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट आदि सेवाएं प्रदान की जानी है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निक्षय पोर्टल पर मैपिंग अति आवश्यक है। जिले में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की निक्षय पोर्टल पर मैपिंग की जायेगी।

2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य:

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक जिले से टीबी का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह से प्रयासरत है। लेकिन, अब जरूरत है लोगों के जागरूक होने की। ताकि, टीबी के खिलाफ लड़ाई जीती जा सके। जिले के सभी सरकारों अस्पतालों में इसके इलाज को लेकर जांच तक की मुफ्त व्यवस्था है।

टीबी मरीजों की ससमय पहचान व गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क इलाज:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि हमलोगों को टीबी उन्मूलन की दिशा में भी मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। टीबी मरीजों की ससमय पहचान करने एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क इलाज प्रदान करने के लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं। इसके साथ ही टीबी पीड़ित मरीज को उनके इलाज के दौरान प्रति माह भारत सरकार की तरफ से 500 रुपए की पोषण राशि भी उनके बैंक अकाउंट में सीधे दी जा रही है। यदि आपको दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी हो, बुखार हो या शाम में शरीर गर्म हो रहा हो, वजन में कमी आ रही हो, भूख नहीं लग रहा हो, छाती में दर्द हो रहा हो, खांसने पर बलगम में खून आ रहा हो एवं अत्यधिक कमजोरी एवं थकान लगता हो तो बिना देर किए नजदीकी टीबी केंद्र में जाकर संपर्क जरूर करें।

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