नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और कांग्रेस से बगावत कर अलग रास्ता चुन चुके सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन से जुड़े कई किस्से सुनाए। उन्होंने बताया कि राजनीति उनका पहला प्यार नहीं है बल्कि उन्हें सबसे ज्यादा प्यार बागवानी से है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो राजनेता नहीं होते तो फ्लोरिस्ट होते।
दरअसल जब आजाद से पूछा गया कि उनकी शख्सियत का दूसरा पहलू क्या है? उन्हें बागवानी का शौक कब से है? तो उन्होंने बताया, ‘मैंने बागवानी मेरी दादी से सीखी है। मुझे बागवानी का बचपन से शौक था। दादी बीजों को संभालकर रखती थीं, वहीं से सब सीखा। बागवानी के लिए बहुत नींद-चैन गंवाना पड़ता है। मंत्री के तौर पर जब मैं विदेश से लौटकर आता था तो रात को भी पहले बगीचे में जाकर फूल देखता था।’
बागवानी मेरा पहला प्यार, जीते कई इनाम: आजाद
गुलाम नबी आजाद ने बताया, ‘बागवानी मेरा पहला प्यार है। किसी पत्रकार ने एक बार कहा था कि बागवानी मेरी पहली बीवी है। फूलों का अलग-अलग टाइम है। कई फूल मेरे बगीचे में यूरोप के हैं। जब मंत्री था तो कई यूरोपीय देशों से बीज लाया करता था। पीएम मोदी ने मेरे बगीचे की तारीफ की तो अच्छा लगा। वो कभी यहां नहीं आए लेकिन उन्होंने कहीं सुना होगा।’
आजाद ने बताया, ‘मैंने बागवानी में कई इनाम जीते हैं। मैं अगर राजनेता नहीं होता तो फ्लोरिस्ट होता। दुर्भाग्य से परिवार के लोगों को फूल देखना पसंद है लेकिन वो इसके लिए मेहनत नहीं करना चाहते।’
राजनीति में अपने भविष्य और राहुल गांधी पर भी बोले आजाद
राजनीति में अपने भविष्य को लेकर भी आजाद ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि राजनीति में सब संभव है। किसी के साथ गठबंधन को खारिज नहीं किया जा सकता। मेरी रैलियों में भीड़ है।
राहुल गांधी के कैंब्रिज में दिए बयान पर आजाद ने कहा, ‘मैं उस पर क्या कह सकता हूं। राहुल गांधी कुछ आरोप लगाते हैं, बीजेपी कुछ आरोप लगाती है।’
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