एक पहल – कोई न सोएगा भूखा, जब पास हो राशन सूखा
रिपोर्ट-पुर्नवासी यादव
सामाजिक कार्यकर्ता कान्ति शरण निगम (7499483030) की अपील जरूर पढ़ें और सभी व्हाट्सअप नंबर पर शेयर करें।
इस ग्रुप से जुड़े सभी सदस्यों, व्यापारियों से सादर निवेदन है कि कोविड 19, के कारण लगे लॉक डाउन से प्रभावित लोग जिनके परिवार में बमुश्किल एक टाइम भी चूल्हा नहीं जल रहा और जिनके पास कच्ची झोपडी से भी बदतर केवल टूटे फूटे मिट्टी के टीले से स्थान है, ऐसे लोगों को हो सकता है शायद किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा दिन में एक बार रोटी सब्जी का पैकेट मिल जाता हो पर कई लोग अभी भी इसे प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। और जिन्हें प्राप्त हुआ भी उनके परिवार के बाकी सदस्यों का पेट कैसे भरेगा या क्या दो पूडी के सहारे वो पूरा दिन रात गुजार लेंगे, इस बारे में क्या किसी ने सोचा….?
जी ऐसी स्थति में मेरा कथन है कि *कोई न सोएगा भूखा, जब पास हो राशन सूखा* इसका मतलब है कि यदि ऐसे जरूरतमंद व अति निर्धन परिवारों को जिन्हें सरकार द्वारा राशन कार्ड न होने से राशन का संकट है और वे कोई काम कर रोजी रोटी का इंतजाम नहीं कर सकते उन लोगों को आवश्यक राशन सामग्री जिसमें (आटा, चावल, दाल, शक्कर, तेल, नमक, सब्जी मसाला, बिस्कुट, आलू, प्याज आदि) दी जाए तो वो व्यक्ति अपने परिवार के साथ कम से कम एक सप्ताह तक दोनों समय भोजन घर पर ही तैयार कर पेट भर खा सकता है। इस सामग्री पैकेट की एक परिवार की लागत चार से साढ़े चार सौ तक की आएगी। पर ये छोटी छोटी भेंट कई जरूरतमंद परिवारों की भूख मिटाने में अहम भूमिका निभाएगी।
इस सेवा से सरकार के सोशल डिस्टेंस अभियान को सफल करने में भी सहायता मिलेगी और लंच पैकेट दे रही गाड़ियों पर लगने वाली भीड़ भी नियंत्रित व सीमित होगी।
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सोशल मीडिया का सही उपयोग कर एक अच्छे सुझाव -कोई न सोएगा भूखा, जब पास हो राशन सूखा
ईश्वर से प्रार्थना है कि कोरोना वायरस महामारी का पूर्ण अंत करें और हम सब भारत वासियों के जीवन की रक्षा करें।