News4Bihar | पटना | महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती के जन्मदिवस पर मनाए गए भारतीय भाषा दिवस के अवसर पर राजभवन, पटना में एक गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने लोक भवन में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी, लेखक एवं उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी डॉ. यतींद्र कटारिया की नवीन पुस्तक ‘विचार वीथिका’ का विधिवत विमोचन किया। साथ ही हिन्दी भाषा के संवर्धन एवं देश–विदेश में इसके प्रचार-प्रसार हेतु उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय भाषाएँ एक-दूसरे को जोड़ने का कार्य करती हैं। भाषा विविधता न केवल व्यक्तित्व निर्माण में सहायक है, बल्कि मानसिक संतुलन एवं उत्तम स्वास्थ्य का भी परिचायक है। उन्होंने कहा कि हिन्दी को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में आत्मसात करते हुए सभी भारतीय भाषाओं का समान सम्मान किया जाना चाहिए। साथ ही स्वाध्याय और चिंतन को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बताया।
राज्यपाल ने भारत सरकार की राजभाषा सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. यतींद्र कटारिया की सराहना करते हुए कहा कि समन्वय भाव के साथ भाषाई व्यक्तित्व का विकास आज के समय की आवश्यकता है। इस दिशा में डॉ. कटारिया भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि साहित्य देश और समाज को जोड़ता है तथा राष्ट्रीय संवेदनाओं के साथ मानवता का पाठ पढ़ाता है। डॉ. कटारिया की रचना विचार वीथिका वैचारिक जागरण को नई गति प्रदान करेगी।
इस अवसर पर डॉ. यतींद्र कटारिया ने विश्व पटल पर हिन्दी के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की महान सांस्कृतिक विरासत के पीछे इसकी भाषा विविधता और समृद्ध ज्ञान परंपरा है। उन्होंने हिन्दी के वैश्विक परिवेश के साथ-साथ भारतीय भाषाओं की वैज्ञानिकता पर भी विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान बिहार लोक भवन पहुँचकर डॉ. अखिलेश कुमार ने भी डॉ. यतींद्र कटारिया को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएँ दीं।
















