कोरोना संकट के बीच कालाजार मरीजों का भी हो रहा है बेहतर इलाज

कोरोना संकट के बीच कालाजार मरीजों का भी हो रहा है बेहतर इलाज

 

•कालाजार मरीजों के इलाज में केयर इंडिया टीम की भूमिका अहम

 

• केयर इंडिया टीम द्वारा मरीजों को निजी वाहन से अस्पताल लाया गया

 

छपरा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लक डाउन लागू किया गया है । ऐसे में सभी सवारी वाहनों को बंद कर दिया गया है। जिससे मरीजों को अस्पताल आने-जाने में परेशानी हो रही है

। हालांकि मरीजों की दर्द को समझने के लिए केयर इंडिया की टीम ने बीड़ा उठाया है। कोरोना संकट के बीच कालाजार मरीजों का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा तथा उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है। इसके लिए केयर इंडिया के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर केटीएस तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी लगातार प्रयास कर रहे हैं।

 

कालाजार मरीजों को केयर इंडिया की टीम निजी वाहन या बाइक से अस्पताल तथा उनके घर छोड़ने के काम कर रही है।

 

कोरोना के बीच कालाजार को नहीं कर सकते नजरअंदाज:

 

केयर इंडिया के डीपीओ भीएल आदित्य कुमार ने बताया कोरोना संक्रमण के बीच कालाजार के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। क्योंकि कालाजार और कोरोनावायरस के कई ऐसे लक्षण मिलते जुलते हैं। इसलिए कालाजार मरीजों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है तथा बेहतर इलाज किया जा रहा है।

 

केस स्टडी- एक

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मढौरा प्रखंड के नरहरपुर गांव निवासी 80 वर्षीय सुशील कुँवर कालाजार की मरीज है। लॉक डाउन में किसी वाहन की साधन नहीं मिलने से उनका इलाज नहीं हो पा रहा था। केयर इंडिया की जिलास्तरीय टीम को इसकी सूचना मिली। फिर मढौरा के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर वसीम हैदर को इसकी जानकारी दी गयी। ब्लॉक कोऑर्डिनेटर अपने निजी खर्चे पर ऑटो रिजर्ब कर उसे जिला अस्पताल लाए, जंहा कालाजार वार्ड में उसका बेहतर इलाज किया गया तथा जरूरी दवाओं को उपलब्ध कराया गया।

 

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केस स्टडी- दो

 

परसा प्रखंड के लोकनाथ पुर गांव निवासी 15 वर्षीय बबलू कुमार और छपरा शहर के बड़ा तेलपा मठिया छपरा निवासी 26 वर्षीय अनीता कुमारी अपना रिपोर्ट लेकर सदर अस्पताल के कालाजार वार्ड में बैठे हुए थे । काफी इंतजार के बाद कोई डॉक्टर नहीं आया। हालांकि उस दिन कालाजार के 2 डॉक्टर नाइट ड्यूटी करके गए थे । इसलिए दोनों डॉक्टर नहीं आए थे। जिसके बाद केयर इंडिया के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पंकज कुमार शर्मा कालाजार वार्ड में पहुंचे और वहां मौजूद नर्स से दोनों मरीजों के बारे में पूरी जानकारी ली और उनकी परेशानियों को समझते हुए दोनों मरीजों को अपने बाइक पर बैठाकर करीब 5 किलोमीटर दूर चिकित्सक डॉक्टर केएम दुबे के पास ले जाकर उनका इलाज कराया। उसके बाद दोनों मरीजों को सदर अस्पताल के कालाजार वार्ड में भर्ती कराया गया। साथी नर्स सारिका दीदी और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर ने खुद अपने हाथों से दवा बनाकर दोनों को दिया। अब दोनों पूरी तरह से ठीक है और वे अपने घर पर अब सुरक्षित हैं।

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