डेस्क: शुक्रवार से पवित्र सावन माह की शुरुआत हो रही है और इसके साथ ही बिहार के शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया है। सावन का महीना शिवभक्ति के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।इस दौरान श्रद्धालु जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत-पूजन के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
रुद्राभिषेक के लिए बुकिंग तेज: बिहार के प्रमुख शिव मंदिरों में इन दिनों पहले से ही बुकिंग का सिलसिला तेज हो गया है। रुद्राभिषेक के लिए मंदिरों में स्लॉट सीमित हैं और भीड़ अत्यधिक है। पटना का महावीर मंदिर, मुजफ्फरपुर का गरीब नाथ मंदिर, सोनपुर का हरिहरनाथ मंदिर, गया का मार्कंडेय महादेव और पटना जिले का बैकतपुर शिव मंदिर, इन सभी में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
बाबा हरिहरनाथ मंदिर: सोनपुर का हरिहरनाथ मंदिर बिहार का एक और प्रमुख धार्मिक स्थल है जो गंगा और गंडक नदी के संगम पर स्थित है। यह मंदिर न केवल शिवभक्ति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी अत्यधिक है।
विशेष श्रृंगार रुद्राभिषेक के लिए 31000 खर्च: मंदिर के पुजारी राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि सावन के महीने में यहां दो शिवालयों में रुद्राभिषेक होता है। वर्तमान में गुरु पूर्णिमा तक की सभी बुकिंग हो चुकी हैं और सावन की बुकिंग उसी दिन से शुरू होगी। सामान्य रुद्राभिषेक के लिए ₹2100 का कूपन कटता है, जिसमें सारी सामग्री शामिल होती है। सोमवार को विशेष श्रृंगार और प्रसाद वितरण के साथ रुद्राभिषेक के लिए ₹31000 का कूपन लेना होता है, जबकि केवल श्रृंगार और रुद्राभिषेक के लिए ₹16000 की व्यवस्था है।
“सावन में हर दिन जलाभिषेक के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा और स्वच्छता की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन द्वारा की जा रही है।”-राकेश चंद्र तिवारी, पुजारी।