सुपौल में लोन माफी आंदोलन की न्याय यात्रा, किसानों, महिलाओं और युवाओं ने  उठाई आवाज़

सुपौल (प्रतिनिधि)। बिहार के सुपौल जिले में शनिवार को गाँधी मैदान में लोन माफी आंदोलन के तहत न्याय यात्रा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों, महिलाओं, बेरोजगार युवाओं और गरीबों ने भाग लिया। ‘कर्ज़ से मुक्ति – हमारा अधिकार’ के नारे के साथ शुरू हुई इस यात्रा ने जिले में हलचल मचा दी।

आंदोलन का उद्देश्य किसानों के केसीसी लोन, महिलाओं के समूह लोन, बेरोजगार छात्रों के शिक्षा ऋण और गरीबों पर चढ़े अन्य प्रकार के ऋण माफ़ कराना है। आयोजकों के अनुसार, बैंकों के लगातार दबाव और वसूली की कार्रवाई से किसानों और गरीबों का जीना मुश्किल हो गया है। बेरोजगार युवा शिक्षा ऋण लेकर नौकरी की उम्मीद करते हैं, लेकिन नौकरी न मिलने के कारण उन पर कर्ज़ का बोझ बढ़ता जा रहा है।

कार्यक्रम का नेतृत्व लोहिया विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने किया। डॉ. कुमार ने कहा, “किसानों और गरीब तबके के लोगों पर कर्ज़ का बोझ लगातार बढ़ रहा है। सरकार ने यदि जल्द कोई राहत योजना नहीं बनाई, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद को कर्ज़ से मुक्ति दिलाई जाए ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।”

डॉ. कुमार ने आगे कहा कि यह आंदोलन सिर्फ सुपौल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे पूरे बिहार में फैलाया जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों की ऋणमाफी, महिलाओं के स्वयं सहायता समूह लोन माफी और बेरोजगार युवाओं के शिक्षा ऋण की समस्या का जल्द समाधान निकाला जाए।

न्याय यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएँ, युवा और किसान शामिल हुए। आंदोलनकारियों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। आयोजन के अंत में एक ज्ञापन तैयार कर प्रशासन को सौंपने की योजना भी बनाई गई। आयोजकों ने बताया कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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