सारण सांसद की अध्यक्षता में संसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

■ सभी सड़कों के आर ओ डब्लू (राइट ऑफ वे) की पिलर लगाकर होगी मार्किंग, तीन महीनों में इस कार्य को पूरा करायेंगे विभागीय अभियंता.

■ एक महीने के अंतर्गत सभी सड़कों पर पर्याप्त ट्रैफिक साइनेज लगाने का निदेश
News4Bihar: सारण सांसद राजीव प्रताप रुडी की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभागार, सारण में संसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष श्री रुडी को राष्ट्रीय उच्च पथों (एनएच) के किनारे अवैध निर्माण, ईंट, बालू और गिट्टी आदि के अवैध भंडारण, और नीलगाय एवं अन्य जानवरों के मूवमेंट से जुड़ी समस्याओं पर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, पिछले दो वर्षों में इस संबंध में की गई कार्रवाई का संपूर्ण विवरण भी प्रस्तुत किया गया।

बैठक में सांसद सह समिति के अध्यक्ष राजीव प्रताप रुडी ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1,78,000 लोगों की जान जाती है, जिनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत भारत में होती हैं।
बैठक में सड़क सुरक्षा नियमों के सख्त अनुपालन, हेलमेट और सीटबेल्ट के अनिवार्य उपयोग, गति सीमा का पालन, और ट्रैफिक नियमों के प्रति जनता को जागरूक करने पर जोर दिया गया।

बैठक में उप मुख्य सचेतक सत्तारूढ़ दल बिहार विधानसभा जनक सिंह, सोनपुर विधायक डॉ. रामानुज प्रसाद, समिति के सदस्य सचिव सह जिलाधिकारी सारण अमन समीर, पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष उपस्थित थे। इसके साथ ही सभी अनुमंडल पदाधिकारी, थानाध्यक्ष, अंचल अधिकारी, डीएफओ, रेंजर्स, जिला होमगार्ड अधीक्षक, आरसीडी, आरडब्ल्यूडी, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता, एनएचएआई, एनएच डिवीजन के कार्यपालक अभियंता, जिला परिवहन पदाधिकारी, चालक संघ के अध्यक्ष समेत संबंधित अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में ओवरस्पीडिंग, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करना, गलत दिशा में वाहन चलाना, और वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग शामिल हैं। इनसे निपटने के लिए नाबालिग चालकों पर कार्रवाई, ओवरस्पीडिंग वाहनों की निगरानी, और दुर्घटना-प्रवण स्थलों पर सुधारात्मक कदम उठाने की बात कही गई।

बैठक में जिलाधिकारी, एनएचएआई, आरडब्ल्यूडी, आरसीडी, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को सड़क किनारे अवैध निर्माण, बालू और गिट्टी के भंडारण, और जानवरों की आवाजाही पर रोकथाम के निर्देश दिए गए। गुड समैरिटन की पहचान और सड़क सुरक्षा में नई तकनीकों के उपयोग पर भी चर्चा की गई। सभी सड़कों के राइट ऑफ वे (RoW) की मार्किंग पिलर लगाकर सुनिश्चित करने को भी कहा गया।
सांसद ने सभी विभागों को सड़क सुरक्षा नियमों के पालन और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए। जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाने पर भी बल दिया गया।

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