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मेरे लिए तीर्थ है बिरसा मुंडा की धरती झारखंड: राष्ट्रपति मुर्मू।

रांची: शुक्रवार को आयोजित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेंकेडरी एग्रीकल्चर गठन के शताब्दी वर्ष समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिस्सा लिया इस दौरान उनके साथ राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि राज्य मंत्री भगीरथी चौधरी, केंद्रीय रक्षा मंत्री संजय सेठ, कृषि मंत्री दीपिका सिंह पांडेय, निदेशक अभिजीत कर, हिमांशु पाठक, उपनिदेशक डा श्याम नारायण झा समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। इस दौरान मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड से मेरा विशेष लगाव है। यह भगवान बिरसा मुंडा की धरती मेरे लिए तीर्थ स्थल है। अपने राज्यपाल के दौरान हमने यहां का भ्रमण किया। कई कार्य किए मैं 2017 में इस संस्थान में आ चुकी हैं।
वहीं किसानों के लिए रार्ष्टपति ने कहा कि भी हमारे किसानों की गरीबी सेकेंडरी कृषि से दूर की जा सकती है। इससे पलायन रूकेगा सेंकेंडरी कृषि उत्पाद हम बेहतर दिशा में बढ़ सकते हैं। वेस्टेज वस्तुओं को हम रीसाइकलिंग करके उपयोगी एवं मूल्यवान वस्तुएं बनाए जा सकते हैं। एक बदाम के छिलके से कैसे वे लाभान्वित हो सकते हैं। यह संस्थान लाह के साथ गम के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस संस्थान का लाभ अन्य संस्थानों को मिलना चाहिए। यह संस्थान प्रशिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं। इस समारोह मं राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री किसानों के लिए कई काम कर रहे हैं। मेरा प्रयास रहता है कि कोई भी व्यक्ति केंद्र और राज्य कही योजनाओं से वंचित न रह जाए। आज हम सभी के लिए गर्व की बात है कि इसके शताब्दी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं।

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