Amnaur थानाध्यक्ष ने तीन नए अपराधी कानून को आम लोगों को क्या-क्या हैं फायदे

आज से पूरे देश में तीन नए अपराधी कानून लागू हो रहे हैं इसी को लेकर के अमनौर थाना परिसर में अमनौर थाना अध्यक्ष मोहम्मद जफरुद्दीन ने एक बैठक की इस बैठक में अनेक जनप्रतिनिधि तथा समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए.

देश भर में आज रात 12:00 से 3 नए अपराधी कानून लागू हो गए हैं 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लगी वहीं भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम लगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे महिलाओं से जुड़े ज्यादातर अपराधियों अपराधों में पहले से ज्यादा सजा मिलेगी अब ऑनलाइन की सूचना से भी एफआईआर दर्ज हो सकेगी वही अमनौर थाना अध्यक्ष मोहम्मद जफरुद्दीन ने बताया कि 1 जुलाई से नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज हो रही है और इसी के जांच के अनुसार लेकर ट्रायल पूरा होगा वहीं उन्होंने बताया कि बंस में कुल 521 धाराएं हैं इसके 177 प्रावधानों में संशोधन किया गया है जबकि 14 धाराओं को हटा दिया गया है 9 नई धाराएं और 39 उप धाराएं जोड़ी गई है पहले सीआरपीसी में 484 धाराएं थी आगे उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में कुल 357 धाराएं हैं अब तक आईपीसी में 511 धाराएं थी इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं नए कानून में 6 धाराओं को हटाया गया है दो नई धाराएं और 6 उप धाराएं जोड़ी गई है पहले इंजन एविडेंस एक्ट में कुल 167 धारा आई थी आगे उन्होंने बताया कि कोई भी नागरिक अपराध के सिलसिले में कहीं से भी 0 फिर दर्ज कर सकेगा जांच के लिए मामले को संबंधित थाने में भेजा जाएगा अगर जीरो फिर फ्री ऐसे अपराध से जुड़ी है जिसमें तीन से 7 साल तक का सजा का प्रावधान है तो फॉरेंसिक टीम से साक्ष की जांच करवानी होगी आगे उन्होंने बताया कि फिर के 90 दिन के भीतर चार्ज शीट दाखिल करनी जरूरी होगी चर्चित दाखिल होने के 60 दिनों के भीतर कोर्ट को आरोप तय करने होंगे मामले की सुनवाई पूरी होने के 30 दिन के भीतर जजमेंट यानी फैसला देना होगा जजमेंट दिए जाने के बाद 7 दिनों के भीतर उसकी कॉपी मुहैया करानी होगी आगे उन्होंने बताया कि पुलिस को हिरासत में लिए गए शख्स के बारे में उसके परिवार को लिखित में बताना होगा ऑफलाइन और ऑनलाइन भी सूचना देनी होगी महिलाओं बच्चों के खिलाफ पढ़ने वाले अपराधों में बीएस में कुल 36 धाराओं में प्रावधान किया गया है रेप का केस धारा 63 के तहत दर्ज हो गया धारा 64 में अपराधी को अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 वर्ष कैद की सजा का प्रावधान है

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