26 अप्रैल 2020 को संजय पर हुआ था हमला, दो साल बाद चाचा और भतीजे की हुई हत्या

26 अप्रैल 2020 को संजय पर हुआ था हमला, दो साल बाद चाचा और भतीजे की हुई हत्या

व्यवसायी की हत्या के 50 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली, जल्द गुत्थी सुलझाने का दावा

जहानाबाद। शहर के चर्चित मिठाई व्यवसायी अभिराम शर्मा की हत्या को लेकर हालांकि पुलिस को घटना के पचास घंटे बाद तक यानि बुधवार की देर रात तक भले ही हाथ खाली दिख रहे हों लेकिन पुलिस पूरे मामले की गुत्थी को सुलझाने के करीब पहुंच गई है। दरअसल पुलिस को शुरूआती दौर में मसौढ़ी में अभिराम शर्मा के भतीजे दिनेश शर्मा की हत्या के बाद पटना पुलिस के समन्वय से भी पुलिस को काफी कुछ सुराग हासिल हो रहा है। पुलिस पूरे मामले में वैज्ञानिक अनुसंधान के अप्रोच को अपना रही है। एसपी दीपक रंजन ने कहा कि अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी से पुलिस का टास्क और बढ़ गया है लेकिन अब तक के अनुसंधान में पुलिस को कई अहम सुराग मिल चुके हैं। एसपी पूरे मामले में अनुसंधान के अप्रोच को परफेक्शन के साथ निबटाने की बात कह रहे हैं। एसपी ने फिर दोहराया कि दोनो ही हत्याकांड नीमा गांव में चल रहे पांडव गिरोह के सरगना रहे संजय सिंह व उनके प्रतिद्वंदियों के आपसी वर्चस्व की लडाई और जमीन विवाद का परिणाम है।

 

आपसी झगड़े में दो दशक पहले ही पतन की हुई थी शुरुआत

पांडव गिराेह का आपसी झगड़ा ताे लगभग दाे दशक पूर्व ही उनके पतन का कारण बना था। लेकिन अब एक बार फिर से आपसी झगड़ा खतरनाक रूप लेता जा रहा है। लगगभ बीस साल पहले एक साथ गिरोह के प्रमुख सदस्यों में बबलू सिंह व अशाेक सिंह को झारखंड के गढ़वा में उनकी गाड़ी पर उनके साथ रहे दोस्तों ने ही गोलियों से छलनी कर दिया था। उस वक्त से ही गिरोह पूरी तरह से बिखरने लगा था। हालांकि तब उक्त हत्याकांड में पूर्व विधायक सुनील पांडेय के एक फुफेरे भाई फौजी का नाम चर्चा में आया था। बबलू व अशोक के मारे जाने के बाद गिरोह का एक अन्य प्रमुख सदस्य विपिन की भी ट्रैक्टर से दबकर मौत हो गई थी। उसके बाद संजय सिंह वर्षों तक शांत जीवन जी रहे थे। हालांकि बाद में पूर्व विधायक चितरंजन से उसकी जमीन की विवाद को लेकर भी काफी चर्चा रही। बताया जा रहा है कि दो साल पूर्व खुद पर हमले के बाद फिर से संजय फिर से आक्रोशित हो गया।

 

एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी का हुआ गठन

एसपी ने घटना के बाद तुरंत जांच के लिए एसडीपीओ अशोक कुमार पांडेय के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया था। उसके बाद से ही पूरी टीम पटना पुलिस के साथ समन्वय कर पूरे घटनाक्रम से जुड़े कड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से जोड़ रही है। कई कड़ियों को पुलिस अब तक जोड़ चुकी है। एसपी के अनुसार शीघ्र ही हमलावरों तक पुलिस की पहुंच हो जाएगी। वैसे हत्याकांड के बाद पुलिस की सक्रियता की वजह से हत्यारों के भूमिगत हो जाने की आशंका है लेकिन एसपी का कहना है कि अपराधियों को चिन्हित कर लिया गया है और वे ज्याद समय तक पुलिस की पकड़ से दूर नहीं रह पाएंगे।

 

26 अप्रैल 2020 को ही संजय सिंह गोली से हुआ था जख्मी

26 अप्रैल 2020 को ही पांडव सेना के एक जमाने में सरगना रहे संजय सिंह पर पटना जिले के नदमा में गोलियों से हमला हुआ था जिसमे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। जहानाबाद व मसौढ़ी में क्रमश: अभिराम शर्मा व उनके भतीजे दिनेश शर्मा पर हमला ठीक दो साल बाद 26 अप्रैल 2022 को किया गया। पुलिस के अनुसार हत्या के लिए तय तिथि निश्चित रूप से बदले की कार्रवाई की ओर इंगित कर रहा है। एसपी का कहना है कि जिस तरह से कुछ ही अंतराल पर जहानाबाद व मसौढ़ी में चाचा व भतीजे की साफगोई से हत्या की गई,यह किसी किराए के पेशेवर शार्प शूटरों की करतूत प्रतीत हो रही है। एसपी के अनुसार अभिराम शर्मा व उनके भतीजे को जिस बेखौप अंदाज में एक ही तौर-तरीकों से अंजाम दिया गया, इससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पहले ही उनकी हर गतिविधियों की अपराधियों ने रेकी कर रखी थी। एसपी ने बताया कि हत्यारों ने हत्याकांड के वक्त जिस गमछे को गले में लपेट रखा था, वैसा ही गमछा अभिराम के बेटे की शादी में कुछ अतिथियों को गिफ्ट किया गया था।

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