न्यूज4बिहार/सारण: गैर संचारी रोग विभाग द्वारा जिले के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, नोडल अधिकारी और बीएचएम को संचारी रोग से संबंधित क्षमता निर्माण को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में गैर संचारी विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
इस अवसर पर जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार, फाइनेंस सह लॉजिस्टिक सलाहकार (एफएलसी) प्रियंका कुमारी, परामर्शी नेहा कुमारी, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की डॉ विक्रम आनंद, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, जीएनएम निकिता कुमारी, डेटा ऑपरेटर राजीव नारायण गर्ग सहित ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
गैर- संचारी से संबंधित बीमारियों के रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का किया जाता है आयोजन: एनसीडीओ
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि गैर संचारी रोग वह बीमारियां है जो एक व्यक्ति से दूसरे में संचारित नहीं होती है, अर्थात यह रोग गैर संक्रामक होती है। हृदय रोग, कैंसर, दमा एवं सांस की बीमारियां और मधुमेह जैसी बीमारी गैर संचारी रोगों की श्रेणी में आती है। साथ ही तंबाकू का उपयोग, शराब का सेवन, शारीरिक निष्क्रियता और गलत खानपान जैसे सामान्य जोखिम को कम कर इस तरह की बीमारियों को आसानी से रोका जा सकता है। हालांकि गैर- संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। सदर अस्पताल परिसर में कैंसर के प्रारंभिक जांच के बाद बायोप्सी करने की सुविधा उपलब्ध है। मुंह में कैंसर होने का मुख्य कारण तंबाकू सेवन बताया गया है। क्योंकि तंबाकू में निकोटिन नामक घटक इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। तंबाकू में उपलब्ध निकोटिन चरस और गांजा से भी अधिक लत लगाने वाला हानिकारक पदार्थ है।
तंबाकू सेवन से भारत में प्रति दिन दो हजार से अधिक लोगों की होती है मौत: डॉ विक्रम आनंद
होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की डॉ विक्रम आनंद ने उपस्थित प्रतिभागियों को मुंह के कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय मुख के कैंसर की रोकथाम को लेकर विस्तार पूर्वक बताया। आगे उन्होंने बताया कि भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग ढ़ाई लाख से अधिक लोग तंबाकू सेवन से होने वाले कैंसर का शिकार होते है। क्योंकि मुंह, नाक और फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा अत्यधिक होता है। हालांकि तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों से भारत में प्रति दिन दो हजार से अधिक लोगों की मौत होती है। ओपीडी में आने वाले मरीजों में कैंसर का लक्षण मिलने पर उसका स्क्रीनिंग करते हुए सदर अस्पताल परिसर स्थित होमी भाभा कैंसर संस्थान या गैर संचारी विभाग के अधिकारी के पास अनिवार्य रूप से रेफर करना होगा। ताकि समय रहते इसका उपचार या निदान किया जा सके।