लक्ष्य को पूरा करने में आप सभी की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन 

प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान की हुई शुरुआत।

फाइलेरिया जैसी बीमारी को मिटाने के लिए नाइट ब्लड सर्वे में अधिक से अधिक अपने रक्त की कराएं जांच: नेटवर्क सदस्य ।

नाइट ब्लड सर्वे में जिला स्तरीय टीम कर रही है पर्यवेक्षण: डीवीबीडीसीओ।

छपरा: फाइलेरिया बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। हाथीपांव जैसी लाइलाज बीमारी के उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ, पिरामल स्वास्थ्य, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) एवं पीसीआई जैसे सहयोगी संगठनों द्वारा सामुदायिक स्तर पर सहयोग किया जा रहा है। इसको लेकर स्थानीय शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के सभी प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान की शुरुआत की गयी। इस दौरान नेटवर्क सदस्य गौतम पंडित और कांति देवी द्वारा संयुक्त रूप से जिलेवासियों से अपील की गयी है कि फाइलेरिया जैसी बीमारी को मिटाने के लिए नाइट ब्लड सर्वे में अधिक से अधिक अपने रक्त की जांच कराएं।

गड़खा प्रखंड के फेरुसा पंचायत के वार्ड संख्या- 06 में वार्ड पार्षद मुकेश कुमार गिरि, नेटवर्क सदस्य गौतम पंडित और कांति देवी, बीएचएम अरुण कुमार, बीसीएम जावेद मंसूरी के द्वारा अभियान का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया।  इस अवसर पर

सीफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, एलटी अमरेंद्र कुमार सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) बिजेंद्र कुमार, सीफ़ार के बीसी नवीन कुमार, आंगनबाड़ी सेविका मंजू कुमारी, सारिका तिवारी और दामिनी कुमारी, सहायिका गीता देवी, आशा फैसिलिटेटर सीमा देवी, आशा कार्यकर्ता नारायणी देवी और सुनीता कुमारी सहित कई अन्य उपस्थित थे।

लक्ष्य को पूरा करने में आप सभी की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि 26 से 30 दिसंबर तक चलने वाले नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान का शुभारंभ गड़खा के फेरुसा में  किया गया है। वहीं शेष सभी चयनित स्थलों पर संबंधित अधिकारियों और पंचायत जनप्रतिनिधियों के द्वारा उद्घाटन किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि तय समय सीमा के अंदर शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं के अलावा स्थानीय स्तर पर शहरी क्षेत्र के वार्ड पार्षद , पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ ही आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण मानी गई है। लक्ष्य  शत प्रतिशत पूरा करने के लिए अधिक से अधिक रक्त का नमूना संग्रह करने में अपने-अपने कार्यों का निर्वहन ईमानदारी के साथ करने की आवश्यकता है।

नाइट ब्लड सर्वे में जिला स्तरीय टीम कर रही है पर्यवेक्षण: डीवीबीडीसीओ

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे की शत प्रतिशत सफ़लता को लेकर जिलास्तरीय पर्यवेक्षण टीम का गठन किया गया है। जिसमें पहले दिन 26 दिसंबर को डीवीबीडीसी सुधीर कुमार को जलालपुर, पिरामल स्वास्थ्य के डीपीओ आशीष कुमार श्रीवास्तव को बनियापुर, वीडीसीओ अनुज कुमार को रिविलगंज, फाइलेरिया इंस्पेक्टर मुस्तफ़ा को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मासूमगंज, पीसीआई के डीएमसी सौरिस बनर्जी को सदर प्रखंड और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के डीसी बिनोद कुमार श्रीवास्तव को गड़खा प्रखंड के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। ताकि नाइट ब्लड सर्वे में किसी प्रकार से कोई कोताही नहीं हो। हालंकि शेष बचे प्रखंडों में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। जिले के मांझी, गड़खा और सोनपुर में फाइलेरिया रोगियों द्वारा एनबीएस या फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में नेटवर्क समूह के सदस्यों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

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