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प्रवासी मजदूरों के मानसिक तनाव का रखा जा रहा है ख्याल

प्रवासी मजदूरों के मानसिक तनाव का रखा जा रहा है ख्याल

 

•मानसिक तनाव से दूर रहने के लिए की जा रही है काउंसलिंग

 

• अब तक 182 प्रवासियों की हुई कॉउंसलिंग

 

•कॉउंसलिंग के लिए 2 सदस्य मेडिकल टीम का हुआ गठन

 

•साफ-सफाई व सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने की सलाह

 

गोपालगंज/ 29 अप्रैल। प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक अच्छी पहल की शुरुआत की गई है। स्कूल व कालेज में बने क्वारंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों को मानसिक तनाव दूर रहने के लिए कॉउंसलिंग की जा रही है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम गठित की गई है। जिसमे में नैदानिक के मनोवैज्ञानिक डॉ रत्नेश्वर पांडेय और मनोचिकित्सीय नर्स फिरोज खान शामिल है। केंद्र में रखे गए विभिन्न देश व प्रदेश से आए लोगों से शारीरिक दूरी बनाते हुए उनके मानसिक तनाव के कारणों की जानकारी ली और उन्हें तनाव दूर करने के सुझाव के साथ स्वंय की रक्षा के लिए बरती जाने वाली सावधानी के बारे में जानकारी दी। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीएमएनई जयंत कुमार चौहान ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों से सामान्य बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझकर उन्हें उचित परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही एक साथी को दूसरे साथी की जिम्मेदारी देकर आपसी समन्वय कर व्यवहारिक दोस्ती बनाने की बात समझाई जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर आपस में अपने-अपने अनुभवों को साझा करने की भी सलाह दी जा रही है, ताकि आश्रय स्थलों पर स्वस्थ वातावरण बनाया जा सके। जिले में अब तक 182 प्रवासियों की कॉउंसलिंग की गई है।

 

 

साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह:

 

नैदानिक के मनोवैज्ञानिक डॉ रत्नेश्वर पांडेय ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे और बचाव के विषय में बताया जा रहा है। साथ ही श्रमिकों की काउंसिलिंग कर उन्हें आश्रय स्थल में साफ -सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जा रही है। मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसको समझाइश देकर और वीडियो कॉलिंग पर बात कराकर उनके तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश:

 

कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश के आलोक में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है।

 

प्रवासी श्रमिकों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव:

 

• कोरोना के संबंध में केवल विश्वसनीय स्त्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना उचित होगा।

 

•व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर सहज विश्वास न करें और न ही चितित हो।

 

•भावनात्मक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें।

 

•घर पर खेलना, कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें।

 

• प्रियजनों से मोबाइल से बात करने के लिए समय निर्धारित करें। साथ ही प्रतिदिन साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका अनुपालन करें।

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