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लोक अदालत के माध्यम से सुलहनीय वादों को समाप्त करें:- डीएम

रिपोर्ट: रूपेश कुमार राज भागलपुर : व्यवहार न्यायालय भागलपुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भाग लेने के उपरांत जिलाधिकारी डॉ0 नवल किशोर चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इसमें हमलोगों ने हजारों केसों को टेक अप किया है, संबंधित को लोगों को नोटिस भेजवाया है और उनके वाद को समाप्त करने का प्रयास किया है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जितने भी केसेज (वादें) हो रहे हैं। वह छोटे-मोटे मन के भेद के कारण हो रहे हैं। मन में छोटा सा अंतर हुआ और व्यक्तियों के बीच में एक विवाद कायम हो गया। वह जो मन का भेद है, उसे तुरंत समाप्त करें, ताकि वह केस(वाद)के रूप में तब्दील न हो और यदि केस के रूप में तब्दील हो गया है तो छोटे से अंतर को समाप्त करें, ताकि उनका परिवार सुखी रहे, पूरा समाज सुखी रहे। और सबसे बड़ी बात कि उनकी राशि बचे।
वे कोर्ट में आते हैं और हाजिरी लगाते हैं, वहां वकील साहब को भी पे करना पड़ता है, उन्हें आने जाने का भाड़ा लगता है, उसके बाद उस दिन की उनकी मजदूरी की क्षति होती है। इन सारे पैसों को यदि वे जोड़ेंगे तो एक केस में हजारों रुपए हमारी जनता खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा “मैं पूरी जनता से अपील करूंगा की वे मन के भेद को समाप्त करें।”
उन्होंने आगे कहा कि दूसरा यह कि सरकार की व्यवस्था है: पंचायती राज सिस्टम में एक ग्राम कचहरी का कांसेप्ट है। वहां सरपंच हैं, न्याय सचिव हैं, कचहरी सचिव हैं, यदि छोटे मोटे वाद हैं तो ग्राम कचहरी में लाएं यदि वहां वाद समाप्त हो जाते हैं, तो हमारे ज्यूडिशल सिस्टम पर कैसेज का लोड कम होगा। इससे हमारे सभी बड़े न्यायिक पदाधिकारी गण को बड़े कैसेज के डिस्पोजल में सुविधा मिलेगी। वे उन वादों में अच्छा समय दे पाएंगे और उनका निस्तारण बेहतर तरीके से होगा।
उन्होंने आम जनता से पुनः अपील करते हुए कहा कि अपने मन के भेद को समाप्त करें और लोक अदालत में जितने भी सुलहनीय वाद हैं उसमें एपीयर हों और सुलह करें और खुश रहें ,अपने राशि को बचाएं और अपना रोजगार बढ़ाएं।

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