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स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्कूल को तंबाकू मुक्त किया जा रहा है घोषित: डॉ भूपेंद्र कुमार.

◇ कोटपा एक्ट के तहत सीएचओ ने विद्यालयों सहित ग्रामीणों के साथ बैठक कर चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान.

News4Bihar: राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम कोटपा एक्ट के अंतर्गत जिले के प्रत्येक विद्यालय को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक मुहिम के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि इसके लिए जिलाधिकारी अमन समीर के दिशा निर्देश में शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यक को पत्र भेज कर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को हर तरह से सहयोग करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पोषक क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में जाकर स्कूल के प्रधानाध्यापकों से मिलकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और बच्चियों के साथ तंबाकू मुक्त अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाया जा रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा जिले के सभी शिक्षण संस्थाओं में एक तंबाकू नियंत्रण कमेटी का गठन किया जाना है। जिसमें शिक्षक, छात्र, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अभिभावक संघ के प्रतिनिधि इत्यादि शामिल होने होंगे। जबकि शिक्षण संस्थानों में गठित कमिटी के एक सदस्य, शिक्षक अथवा विद्यार्थियों को तंबाकू नियंत्रण तंबाकू मॉनिटर के रूप में नामित किया जाना है।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाले सभी मरीजों और उनके अभिभावकों के साथ नशा मुक्त के संबंध में जानकारी दिया जाता है। ताकि आने वाली पीढ़ी किसी भी तरह के नशा का सेवन नहीं करें। वहीं सेंटर के बगल में स्थित मिडिल स्कूल के बच्चों और शिक्षकों के अलावा ग्रामीणों को तंबाकू निशेष कार्यक्रम के तहत अभियान चला कर जागरूक किया गया है।

स्थानीय पंचायत की मुखिया सोनी देवी और ग्रामीणों के साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। साथ ही मिडिल स्कूल के शिक्षक और बच्चों को भी तंबाकू का सेवन नहीं करने को लेकर जागरूक किया गया है। जबकि सेंटर पर स्वास्थ्य कर्मियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर समय समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।

रसीदपुर और पचड़ौर गांव स्थित मिडिल स्कूल और उच्च विद्यालय में जाकर स्कूली बच्चों सहित शिक्षकों को तंबाकू मुक्त विद्यालय की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। साथ ही ओपीडी में आने वाले मरीजों और उनके साथ आए अभिभावकों को तंबाकू से संबंधित जानकारियों को बताया जाता है। ताकि घर परिवार के कोई भी सदस्य अगर तंबाकू का सेवन करता है तो तंबाकू से होने वाली बीमारियों की जानकारी दी जाती है।

भरपुरा स्थित उच्च सह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और बच्चियों के साथ तंबाकू खाने से होने वाली बीमारियों को लेकर जागरूक किया गया है। हालांकि इसके अलावा सेंटर पर आशा कार्यकर्ता और एएनएम के साथ बैठक कर क्षेत्र भ्रमण के दौरान जागरूकता अभियान चलाया जाता है।

शिक्षण संस्थान के प्रधानाध्यपक द्वारा घोषणा किया जाता है कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा- 2003 की धारा 68 का उपरोक्त शिक्षण संस्थान में पूर्णरूप से अनुपालन किया गया है।साथ ही जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया है, जिसके माध्यम से छात्र और छात्राओं को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणामों एवं तंबाकू छोड़ने के फायदे से अवगत कराया गया है। छात्र और छात्राओं के साथ- साथ शिक्षण संस्थान में कार्यरत सभी शिक्षकगण और कर्मचारियों को तंबाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलायी गई है। जिसके बाद शिक्षण संस्थान “तंबाकू मुक्त संस्थान” घोषित किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार शिक्षण संस्थान परिसर के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद का सेवन या बिक्री करते हुए हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा- 2003) की विभिन्न धाराओं सहित किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 77 के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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