न्यूज4बिहार/भागलपुर:विशेष केंद्रीय कारा प्रशासन के आग्रह पर प्रोफेसर देबज्योति मुखर्जी बंदियों को सकारात्मक सोच पैदा करने के तरीके सिखाए तथा उनलोगों के साथ शिक्षक दिवस मनाया । कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति तथा महान शिक्षक स्वर्गीय सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्र के सामने संयुक्त रूप से कारा उपाधीक्षक राकेश कुमार सिंह प्रोफेसर देबज्योति सहायक अधीक्षक गौतम जी तथा कुछ बंदियों ने मिल कर दीप प्रज्वलित कर किया । प्रोफेसर देबज्योति ने बताया सकारात्मक सोच जानने के पहले सोच क्या है वह जानना पड़ेगा । आप जो कुछ देखते सुनते है या अनुभव करते हैं वो एक प्रश्न दिमाग में भेजता है और इस प्रश्न के जवाब के रूप में दिमाग जो कुछ भेजता है वो सोच है । यह पूरी प्रक्रिया स्वतंत्र है आपके नियंत्रण में नहीं है । इसलिए आप कितना भी चाहिएगा की मैं सकारात्मक सोचूं आप सकारात्मकता नही ला पाएंगे । तब उपाय क्या है, उपाय है दिमाग जब जब बिना आपके सहमति से आपको नकारात्मक सोच भेज रहा है, आप उतने बार दिमाग को प्रश्न कीजिए की तुम यह क्यों बोल रहे हो ? इसका आधार क्या है ? दिमाग उत्तर नही दे पाएगा और आप सकारात्मक बन जायेंगे । प्रोफेसर मुखर्जी ने कहानियों के माध्यम से तथा और भी कई ट्रिक्स के माध्यम से बंदियों को सकारात्मक सोच विकास करने के गुड सिखाए । उपाधीक्षक साहब सारे कैदियों को सही मार्ग पर चलने के लिए सकारात्मकता की कितनी महत्व है इस पर प्रकाश डालें । कार्यक्रम में संगीत की भी प्रस्तुति हुई । प्रशासन प्रोफेसर मुखर्जी को अनुरोध किया की हफ्ता दस दिन में एक लाइफस्किल सेशन कारा में वो करें और प्रोफेसर मुखर्जी ने अनुरोध को सहर्ष स्वीकार किया ।