रंगकर्मियों ने “हजार चौरासी की माँ'”, ” मिर्च मसाला” की पटकथा लेखिका त्रिपुरारी शर्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

न्यूज4बिहार/छपरा:  ‘हजार चौरासी की माँ’ जैसी पटकथाओं की लेखिका, प्रसिद्ध नाटककार और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की पूर्व प्रोफेसर त्रिपुरारी शर्मा के असामयिक निधन से मर्माहत छपरा रंगकर्मियों ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। विधान पार्षद और छपरा इप्टा के अध्यक्ष प्रो0 वीरेन्द्र नारायण यादव की अध्यक्षता में शहर के लक्ष्मी नारायण यादव वाचनालय में सोमवार को इप्टा छपरा, भिखारी ठाकुर लोक संस्कृति महोत्सव द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें सचिव डा0 अमित रंजन ने शोक प्रस्ताव प्रस्तुत करते। दिवंगत आत्मा को नारी शक्ति की प्रतीक ई0 चांदनी प्रकाश, रंगकर्मी पत्रकार डा0 लालबाबु यादव, बिहार के प्रख्यात रंग परिकल्पक राजीव रंजन श्रीवास्तव, जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव विद्या सागर विद्यार्थी, प्रो0 जयराम सिंह, वीरेन्द्र साह मुखिया, डा0 दिनेश पाल, डा0 अमित रंजन, नागेन्द्र राय, अमन कुमार, शंभू यादव आदि ने मौन श्रद्धांजलि दी।इसके कवल सचिव डा0 अमित रंजन ने शोक प्रस्ताव पेश करते हुए बताया कि वर्ष 1956 में जन्मीं त्रिपुरारी शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने 1979 में एनएसडी से निर्देशन में डिप्लोमा किया था। शर्मा ने ‘‘बहू’’, ‘‘बिरसा मुंडा’’, ‘‘अक्स पहेली’’, ‘‘बांझ घाटी’’ सहित कई नाटक लिखे और निर्देशित किए। उन्होंने ‘‘मिर्च मसाला’’ और ‘‘हजार चौरासी की मां’’ जैसी प्रशंसित फिल्मों के लिए पटकथाएं भी लिखीं। उनके कुछ नाटकों का अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती और फ्रेंच में अनुवाद किया भी गया है।

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