न्यूज4बिहार: बिहार विधानसभा उप-चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने कैमूर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए तरारी से जन सुराज के उम्मीदवार लेफ्टिनेंट जनरल एस के सिंह के उम्मेदवारी पर मीडिया में चल रही खबरों का उत्तर देते हुए कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह जो सेना में वाइस-चीफ रहे हैं, मतदाता सूची में उनके नाम को लेकर जिला प्राशषण ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इलेक्शन कमिशन के रूल बुक के हिसाब से भले ही नागरिक बिहार का हो, लेकिन बिहार के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अगर मतदाता के तौर पर किसी का नाम नहीं हैं तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है। प्रशांत किशोर ने इसको समझाते हुए कहा कि यह कितनी प्रो इन्कम्बन्सी की बात है कि तरारी का जो लड़का देश की आर्मी में वाइस-चीफ बना, जिसने सेना को सियाचिन और ऑपरेशन पराक्रम में सेना का नेत्रत्व किया, उसका तरारी में खुद की जमीन और खुद का निवास-स्थान होने के बावजूद, एक नियम बना कर कहा जा रहा है कि वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं क्योंकि उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है।
हालांकि वोटर लिस्ट में नाम डालने के लिए, फॉर्म 8A भरा गया है। यह चुनाव आयोग में ही एक प्रावधान के द्वारा फॉर्म 8A भरकर अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। 2020 तक जनरल साहब का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में था, पर पत्नी के देहांत के बाद उनका नाम नोएडा के वोटर लिस्ट में शिफ्ट हो गया, क्योंकि वो वहाँ रहते थे और 2024 में उन्हें वहाँ वोट देना था। इसी को आधार बनाकर जिला प्रशासन और चुनाव आयोग के लोग उनको लड़ने से रोकना चाहते हैं। उन्होंने आश्वासन जताते हुए कहा कि इस तरह की बाधाएँ तो लोकतंत्र में आती रहेंगी। यदि कोई इंसान व्यवस्था के खिलाफ खड़ा होगा तो वहाँ के बालू-माफिया जो हजारों-करोड़ रुपए लूट रहे हैं, वो अड़चन डालेंगे ही। जन सुराज भी अपने पक्ष को निर्भीक होकर रखेगा और तरारी से जनरल साहब वहाँ के भूमि और बालू माफ़ियों को उखाड़ कर जरूर फेकेंगे। अगर उनको नहीं भी लड़ने दिया तो जन सुराज से तरारी का कोई होनहार व्यक्ति जरूर लड़ेगा। हमलोग अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं, कल या परसों तक स्थिति साफ हो जाएगी।