पटना: 22 सितम्बर को बिहार विधान परिषद् एनेक्सी सभागार में एक नया बिहार जुटा था. इस नए बिहार में जोश था, जज्बा था, ऊर्जा थी, उत्साह था. सबसे बड़ी बात थी कि रोजगार देने वालों का मेला था. हर चेहरे पर एक ललक थी, लालसा थी, उत्सुकता थी यह जानने कि क्या होने वाला है.
आयोजन था यादव उद्यमी सम्मान समारोह. आयोजक था वीरेंद्र यादव फाउंडेशन और वीरेंद्र यादव न्यूज़. मकसद था यह बताना कि यादव जाति में भी बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले लोग आगे आ रहे हैं. उस कार्यक्रम में 21 उद्यमियों को सम्मानित किया गया. इसमें हर क्षेत्र के लोग थे.
इस आयोजन ने यह साबित किया कि यादवों की यात्रा खटाल से काफी आगे बढ़ चुकी है. इस यात्रा में हर व्यक्ति की अपनी मेहनत, लगन और संसाधन का योगदान रहा है. अधिकतर लोगों ने अभावों में अपनी यात्रा शुरू की थी और संसाधनों का विस्तार गढ़ते गए. हर क्षेत्र में यादवों का हस्तक्षेप है, दखल है.
वीरेंद्र यादव फाउंडेशन और वीरेंद्र यादव न्यूज़ का यह आयोजन हस्तक्षेप को रेखांकित करने का प्रयास था और लोगों के आर्थिक सपोर्ट से यह हस्तक्षेप ज्यादा प्रभावी रूप से दिखा. इसके लिए हम सभी सद्भावी लोगों के प्रति आभारी हैं.