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अब घर की दहलीज तक टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांच की सुविधा उपलब्ध

●हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी के मरीजों का होगा सैंपल कलेक्शन

● आसानी से घर के पास हीं टीबी के मरीजों को मिल रही है दवा

● टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग संकल्पित

छपरा: अब आपके घर की दहलीज तक टीबी की जांच की सुविधा उपलब्ध हो गयी है। यानि आपके घर के पास हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अब टीबी के संदिग्ध मरीजों का सैंपल कलेक्शन किया जायेगा। टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। टीबी मरीजों की जांच में तेजी लाने के लिए सरकार की तरफ से एक नई पहल की गयी है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ से कहा गया है कि अगर उनके यहां कोई संभावित टीबी का मरीज आता है तो उसका नाम व पता नोट करने के साथ ही सैंपल कलेक्शन करके उसे नजदीकी सरकारी अस्पताल में भेजे। यहां पर उसके बलगम की जांच कराई जाएगी। आवश्यकता होने पर सीबीनाट या ट्रूनेट जांच भी कराई जाएगी। जांच में अगर मरीज पाजिटिव पाया जाता है तो उसका पंजीकरण कर नियमित इलाज कराया जाएगा। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं, जहां पर हर प्रकार के मरीज आते हैं। सेंटर पर आने वाले मरीजों में टीबी रोगियों की पहचान हो सकेगी। वर्ष 2025 तक देश से टीबी को समाप्त करने की मुहिम में इससे मदद मिलेगी।

टीबी के मरीजों की दवा भी उपलब्ध:

पहले टीबी के मरीजों को दवा के लिए दूर जिला अस्पताल या पीएचसी और सीएचसी पर जाना पड़ता था, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग ने इस समस्या को दूर करते हुए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हीं टीबी के मरीजों का दवा उपलब्ध करा दिया है, ताकि मरीजों को दवा के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़े आसानी से घर की दहलीज तक हीं टीबी की दवा मिल सके। सरकार की ओर से 2025 तक क्षय रोग को पूरी तरह से खत्म करने का टारगेट रखा गया है। इस अभियान में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की भूमिका तय की गई है।संभावित क्षय रोगियों के बलगम की जांच की जाएगी। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी जांच, इलाज, निक्षय पोषण योजना के तहत लाभ दिलाने में भी सहयोग करेंगे।

हिस्ट्री के आधार पर परिवार की जांच:

टीबी डीपीसी हिमांशु शेखर ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिए टीबी रोगियों पर फोकस किया जा रहा है। इसमे ऐसे परिवार जिसमें किसी सदस्य को पांच साल पहले टीबी रोग हुआ था और वर्तमान में उस परिवार के किसी सदस्य को खांसी है तो पुरानी हिस्ट्री के आधार पर उस परिवार की जांच कराई जाती है, ताकि टीबी को जड़ से खत्म किया जा सके।

सैंपल ट्रांसपोर्टर को प्रोत्साहन राशि:

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से निकटतम परीक्षण केंद्र तक सैम्पल पहुंचाने के लिए सैम्पल ट्रांसपोर्टरों को राशि देने का प्रावधान किया गया है। प्रतिदिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सैँपल कलेक्शन की सुविधा उपलब्ध है। सप्ताह में दो दिन सैंपल को नजदीकी पीएचसी या सीएचसी पर ट्रांसपोर्ट किया जाता है। सैंपल ट्रांसपोर्टर एक दिन के हिसाब से 200 रूपये दिया जायेगा। इसको शत-प्रतिशत अनुपालन करने के लिए सभी सीएचओ को आदेश दिया गया है।

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